जीवन चक्र (Hindi Edition)
परम संत कृपाल सिंह जी महाराज के द्वारा, कर्म -विधान पर शाश्वत दृष्टिकोण से लिखी गई यह पुस्तक हमें बताती है कि हमारी आत्मा किस तरह कर्म और फल के चक्र में फँस गई है और इस दुश्चक्र से हम किस तरह बाहर निकल सकते हैं। पुस्तक में संचित, प्रारब्धऔर क्रियमान कर्मों, निष्काम कर्म , सदाचारी जीवन, शाकाहार इत्यादि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है।